Helping The others Realize The Advantages Of Hindi poetry
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व्यर्थ बने जाते हो हिरजन, तुम तो मधुजन ही अच्छे,
नहीं जानता कौन, मनुज आया बनकर पीनेवाला,
छैल छबीला, रसिया साकी, अलबेला पीनेवाला,
क्रूर, कठोर, कुटिल, कुविचारी, अन्यायी यमराजों के
यदि here इन खाली हाथों का जी पल भर बहलाता प्याला,
'और लिये जा, और पीये जा', इसी मंत्र का जाप करे'
जिनमें वह छलकाती लाई अधर-सुधा-रस की हाला,
Hello Close friend, First of all i need to say, This is often an great selection. If you're able to arrange the poem by makhanlal chaturvedi ji-
सर्वेश्वरदयाल सक्सेना: कितना चौड़ा पाट नदी का, कितनी भारी शाम
हर्ष-विकंपित कर से जिसने, हा, न छुआ मधु का प्याला,
लाल सुरा की धार लपट सी कह न इसे देना ज्वाला,
शरणस्थल बनकर न मुझे यदि अपना लेती मधुशाला।।४६।
सब मिट जाएँ, बना रहेगा सुन्दर साकी, यम काला,
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